कबूतर झुंड में उड़ते समय एक कतार में क्यों रहते हैं। इसका पता चीनी शोधकर्ताओं ने लगाया है। चीन की साउथ-ईस्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसे समझने के लिए कबूतरों के 3 झुंड का अध्ययन किया। इनके मुताबिक, हवा में उड़ान भरते समय कबूतर आपस में बातचीत करते हैं कि झुंड में कौन आगे रहेगा और कौन पीछे। इसलिए जब वे आसमान में उड़ते हैं, तो एक खास किस्म के पैटर्न में नजर आते हैं।
एक झुंड में 10 कबूतर थे
यह अध्ययन कौओस जर्नल में प्रकाशित किया गया। रिसर्च में कबूतरों के जिन तीन झुंड को शामिल किया गया उनमें हर एक ग्रुप में 10 कबूतर थे। शोधकर्ताओं अध्ययन के जरिए पक्षियों के एक-साथ उड़ने के कौशल और आकाश में एक दूसरे से सामंजस्य बैठाने के तरीके को भी समझा।
शोधकर्ताओं ने हर एक पक्षी की पोजिशन और उनके उड़ान की गति का डेटा तैयार किया। डेटा की मदद से सामने आया कि कबूतरों ने समूह में एक-दूसरे को सीधेतौर पर प्रभावित किया है। कबूतरों के बीच बातचीत के नियमों का पालन करने के लिए एक नेटवर्क बनाया गया। इस नेटवर्क को बनाने के बाद झुंड की गति में अच्छे रुझान देखे गए।
शोध के मुताबिक, उड़ते समय झुंड में पक्षी अपनी जगह से भी प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रभावित पक्षी पूरी उड़ान को बदलने की ताकत रखता है। अध्ययन के लेखक डॉक्सिन चेन के मुताबिक, दिलचस्प बात यह है कि केंद्र में उड़ने वाला कबूतर और औसत गति के करीब रहने वाले कबूतर दूसरों के लिए अधिक प्रभावशाली होते हैं, जिसका अर्थ है कि स्थान और उड़ान की दिशा, दो जरूरी बातें है जो उनकी बातचीत की वजह बनते हैं।
चेन और उनकी टीम ने सुझाव दिया कि उनकी पद्धति का उपयोग अन्य व्यवहारों का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है। इससे पहले किए गए अन्य शोधों में बताया गया था कि पक्षियों की उड़ान को तीन तरह की श्रेणियों में बांटा गया था- टक्कर से बचाव, उड़ान की गति व दिशा से मिलान और केंद्र में मौजूद कबूतर के करीब बने रहना।
एक झुंड में 10 कबूतर थे
यह अध्ययन कौओस जर्नल में प्रकाशित किया गया। रिसर्च में कबूतरों के जिन तीन झुंड को शामिल किया गया उनमें हर एक ग्रुप में 10 कबूतर थे। शोधकर्ताओं अध्ययन के जरिए पक्षियों के एक-साथ उड़ने के कौशल और आकाश में एक दूसरे से सामंजस्य बैठाने के तरीके को भी समझा।
शोधकर्ताओं ने हर एक पक्षी की पोजिशन और उनके उड़ान की गति का डेटा तैयार किया। डेटा की मदद से सामने आया कि कबूतरों ने समूह में एक-दूसरे को सीधेतौर पर प्रभावित किया है। कबूतरों के बीच बातचीत के नियमों का पालन करने के लिए एक नेटवर्क बनाया गया। इस नेटवर्क को बनाने के बाद झुंड की गति में अच्छे रुझान देखे गए।
शोध के मुताबिक, उड़ते समय झुंड में पक्षी अपनी जगह से भी प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रभावित पक्षी पूरी उड़ान को बदलने की ताकत रखता है। अध्ययन के लेखक डॉक्सिन चेन के मुताबिक, दिलचस्प बात यह है कि केंद्र में उड़ने वाला कबूतर और औसत गति के करीब रहने वाले कबूतर दूसरों के लिए अधिक प्रभावशाली होते हैं, जिसका अर्थ है कि स्थान और उड़ान की दिशा, दो जरूरी बातें है जो उनकी बातचीत की वजह बनते हैं।
चेन और उनकी टीम ने सुझाव दिया कि उनकी पद्धति का उपयोग अन्य व्यवहारों का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है। इससे पहले किए गए अन्य शोधों में बताया गया था कि पक्षियों की उड़ान को तीन तरह की श्रेणियों में बांटा गया था- टक्कर से बचाव, उड़ान की गति व दिशा से मिलान और केंद्र में मौजूद कबूतर के करीब बने रहना।
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