इंसान के पूर्वज ज्यादा शांत और खुशहाल थे, रिसर्च में सामने आई ये बातें

मानव प्रजाति के विकास के दौरान दिमाग में होने वाले परिवर्तन से चिंता बढ़ी है। आधुनिक इंसानों की तुलना में उनके पूर्वज ज्यादा शांत और खुशहाल थे। एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है। न्यूरोकेमिकल जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन इंसानी दिमाग के भावनात्मक और ज्ञान से जुड़ी कार्यप्रणालियों के लिए बेहद अहम होते हैं। वेस्क्युलर मोनोमाइन ट्रांसपोर्टर-1 (वीमैट-1) एक ऐसा जीन है जो न्यूरनल संकेत को संचारित करता है और न्यूरोट्रांसमिटरों के आदान-प्रदान का काम करता है। तोहोकु यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने प्राचीन वीमैट-1 प्रोटीन को अपने अध्ययन के दौरान पुनर्निर्मित किया। इस दौरान पता चला कि मानव प्रजाति के विकास के दौरान वीमैट-1 के न्यूरोट्रांसमिटर में कई प्रकार के कार्यात्मक परिवर्तन आए हैं। शोधकर्ता मासाकाडो क्वाटा और उनकी टीम ने पाया कि मानव के विकास के दौरान वीमैट-1 जीन में काफी परिवर्तन आया।

शोधकर्ताओं को पता चला है कि प्राचीन वीमैट-1 प्रोटीन में ज्यादा न्यूरोट्रांसमिटर सोखने की क्षमता थी, जबकि आधुनिक समय में मौजूद जीन में अवसाद और चिंता के ज्यादा लक्षण देखे गए हैं।




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