सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सर्वोच्च अदालत ने 2018 में ही फैसला सुना दिया था. अदालत ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी, अदालत के इसी फैसले पर कई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थीं. इनमें से सुप्रीम कोर्ट ने कुल 65 याचिकाओं पर अपना फैसला दिया है, जिनमें 56 पुनर्विचार याचिका, 4 नई याचिका और 5 ट्रांसफर याचिकाएं शामिल हैं.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आर.एफ. नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा कर रहे थे. पीठ ने 6 फरवरी को अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
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